जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता
यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता क्यों है? इसका उत्तर कई प्रकार से दिया जा सकता है।
वर्तमान समय में जनसंख्या विस्फोट के परिप्रेक्ष्य में जीवन स्तर को उन्नत बनाने के लिए तथा राष्ट्र को विकास की ओर गतिशील करने के लिए जनसंख्या शिक्षा अति आवश्यक है और यह तभी सम्भव होगा जब शिक्षकों के प्रशिक्षण में जनसंख्या शिक्षा के प्रति जागृति उत्पन्न की जाएगी। संक्षेप में जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता के निम्न कारण बताए जा सकते हैं-
(i) जनसंख्या शिक्षा, जनसंख्या वृद्धि से जो भी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं उन समस्याओं से पैदा हुई परिस्थितियों की विवेचना करती है। उस परिस्थिति के आधार पर व्यक्ति तथा राष्ट्र की आय और संसाधनों के बीच सन्तुलन स्थापित करने के लिए प्रेरित करती है।
(ii) जनसंख्या शिक्षा द्वारा छात्र और छात्राओं को यह बताया जाए कि छोटा परिवार सदैव सुखी जीवन व्यतीत करता है तो निश्चित रूप से वे अपने आप परिवार नियोजन करेंगे।
(iii) जनसंख्या शिक्षा एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से युवा पीढ़ी को समकालीन जीवन की वास्तविकताओं का सामना करने की शिक्षा देकर सक्रिय नागरिक बनाया जा सकता है तथा उनको 20वीं शताब्दी में जनसंख्या की बढ़ोतरी के परिणामों तथा तथ्यों से अवगत कराकर राष्ट्रीय विकास के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तत्पर बनाया जा सकता है। अतः इस दृष्टि से जनसंख्या शिक्षा आवश्यक है।
(iv) जनसंख्या शिक्षा सामाजिक कुरीतियों; जैसे- दहेज प्रथा, अशिक्षा, अन्धविश्वास, बाल विवाह या परम्परागत धारणाएँ आदि को जनसंख्या शिक्षा के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
(v) छात्रों को जनसंख्या की तीव्र गति से वृद्धि से देश की सामाजिक उन्नति एवं आर्थिक प्रगति पर पड़ रहे कुप्रभावों से जनसंख्या शिक्षा द्वारा अवगत कराया जाना आवश्यक है।
(vi) भारत में विवाह की आयु अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है; अतः विवाह योग्य युवकों और युवतियों को विवाह से पूर्व जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराया जा सकता है।
(vii) जनसंख्या की शिक्षा एक दीर्घकालिक समस्या है। अतः प्रत्येक पीढ़ी को इसकी मूल बातों को समझना अनिवार्य है। इन मूल बातों की जानकारी प्रदान करने के लिए जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता है।
(viii) वर्तमान समय में प्रत्येक राज्य पर अपने नागरिकों के स्वास्थ्य, कल्याण एवं पूर्ण विकास का उत्तरदायित्व है। वह अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन तभी कर सकता है, जब वह उनको जनसंख्या शिक्षा के द्वारा जनसंख्या वृद्धि से पड़ने वाले दुष्प्रभावों से परिचित करा दे।
(ix) जनसंख्या वृद्धि तथा उससे सम्बन्धित जटिल समस्याओं का समाधान करने तथा परिवार नियोजन के कार्यक्रमों को सफल बनाने और उनके लक्ष्यों एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता है।
(x) जनसंख्या की तीव्र वृद्धि देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं उन्नति व्यक्तियों के रहन-सहन के स्तर के विकास में बाधा उत्पन्न करती हैं; अतः बालक और बालिकाओं को इन तथ्यों से परिचित कराने के लिए जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता है।