जनसंख्या शिक्षा का महत्त्व एवं विशेषताएं (Importance & Characteristics of Population Education)


 


जनसंख्या शिक्षा का महत्त्व

वर्तमान समय में यह तथ्य सभी लोग स्वीकार करते हैं कि विश्व की समस्त समस्याओं का मूल कारण तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या है। बढ़ती हुई जनसंख्या और इससे उपस्थित होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1974 में जनसंख्या शिक्षा वर्ष मनाया गया। 1974 ई० की महान घटना बुखारेस्ट शिक्षा संगोष्ठी थी। इस संगोष्ठी को 'पॉपुलेशन ट्रिब्यून' के नाम से भी जाना जाता है। बुखारेस्ट के जनसंख्या शिक्षा संगोष्ठी में जनसंख्या शिक्षा के निम्नलिखित महत्त्व को स्वीकार किया गया

(i) उन्नति की प्रेरणा प्रदान करने में शिक्षा का स्थान सर्वोपरि है तथा उसके द्वारा युवक-युवतियाँ अपनी उन्नति के लिए संकल्पित होने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

(ii) शिक्षा का चरम उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय उन्नति के लिए भावी नागरिकों के ज्ञान, योग्यता, कौशल एवं अभिवृत्तियों के उन्नयन पर सम्पूर्ण मानवीय साधनों का विकास करना है। 

(iii) सभी राष्ट्रों की सम्पूर्ण जनसंख्या के लिए आवास, आहार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के अवसर, उच्च जीवन स्तर एवं सुखी पारिवारिक जीवन की समस्याओं के हल प्राप्ति से सम्बन्ध होने के नाते जनसंख्या शिक्षा समूची शिक्षा व्यवस्था को सार्थक एवं वास्तविक बनाती है।

(iv) जनसंख्या शिक्षा का शुद्ध शैक्षिक आधार, प्रत्येक राष्ट्र की जनसंख्या की विशिष्टताएँ तथा उसमें हो रहे परिवर्तन का सीधा सम्बन्ध प्रत्येक नागरिक के सम्पूर्ण जीवन से है चाहे राष्ट्र की आबादी घनी हो या कम, राष्ट्र विकसित हो या विकासोन्मुखी।

   इस प्रकार बुखारेस्ट शिक्षा संगोष्ठी में जनसंख्या शिक्षा के महत्त्व को प्रदर्शित किया गया।

जनसंख्या शिक्षा की विशेषताएँ


  जनसंख्या शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -

(i) जनसंख्या शिक्षा एक शैक्षिक कार्यक्रम है जिसके माध्यम से परिवार, समुदाय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या वृद्धि के कुप्रभाव के प्रति समुचित अभिवृत्ति एवं मूल्यों का विकास करना है।

(ii) जनसंख्या शिक्षा, शिक्षा विषय का एक नया क्षेत्र है जिसमें जनसंख्या का अध्ययन किया जाता है।

(iii) जनसंख्या शिक्षा परम्परागत दोषयुक्त मूल्यों को परिवर्तित करने का प्रयास करती है। 
(iv) जनसंख्या शिक्षा, शिक्षा का वह क्षेत्र है जिसमें शिक्षक और छात्र में जनसंख्या वृद्धि के सम्बन्ध में जागृति लाकर, सम्बन्धित समस्याओं के समाधान में ठोस योगदान करते हैं।

(v) जनसंख्या शिक्षा जीवन के गुणात्मक उन्नयन से सम्बन्धित है। इसका कार्य जनसंख्या का अध्ययन करने के साथ मनुष्य के जीवन परिवार और समाज में गुणवत्ता लाना है।

(vi) जनसंख्या शिक्षा सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की प्रेरणा प्रदान करती है। जनसंख्या शिक्षा से छोटी आयु में विवाह, शिक्षा, नियतिवाद, देहज प्रथा की भावना आदि बुराइयों को दूर करने की प्रेरणा मिलती है।

(vii) जनसंख्या शिक्षा एक प्रक्रिया है जिससे जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता का विकास किया जाता है।

(viii) जनसंख्या शिक्षा जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने, आय के स्रोत बढ़ाने, खाद्यान्न संकटों को दूर करने आदि समस्याओं का समाधान करती है।

(ix) जनसंख्या शिक्षा के अन्तर्गत जनसंख्या की वृद्धि तथा स्वरूप में परिवर्तन तथा समस्याओं का अध्ययन, समाधान के उपाय तथा कारणों के पारस्परिक सम्बन्धों का बोध होता है।

(x) जनसंख्या शिक्षा में छात्र-छात्राओं को छोटे परिवार तथा उससे लाभ की जानकारी दी जाती है जिससे जनसंख्या वृद्धि के प्रति समुचित दृष्टिकोण का विकास होता है।